सीजेआई बी.आर. गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का नाम सुझाया
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2025| भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी.आर. गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का नाम कानून मंत्रालय को भेजा है। उन्होंने इस संबंध में औपचारिक चिट्ठी लिखी है। यह कदम उस समय आया, जब हाल ही में कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई से उनके उत्तराधिकारी का नाम प्रस्तुत करने का अनुरोध किया था।
जस्टिस बी.आर. गवई 23 नवंबर को होंगे सेवानिवृत्त
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई आगामी 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके सेवानिवृत्त होने के अगले दिन, यानी 24 नवंबर 2025 को, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।
मई 2025 में बने थे भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस बी.आर. गवई ने मई 2025 में भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला था। परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय किसी मुख्य न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है।
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश तब सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को “पद धारण करने के लिए उपयुक्त” मानते हुए उनके नाम की सिफारिश करते हैं।
सरकार जल्द जारी करेगी नियुक्ति की अधिसूचना
न्यायिक नियुक्तियों के मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को ही भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है।
सीजेआई गवई की सिफारिश भेजे जाने के बाद, सरकार द्वारा जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति की अधिसूचना जल्द जारी होने की संभावना है।
जस्टिस सूर्यकांत: हरियाणा के माटी पुत्र से भारत के मुख्य न्यायाधीश तक
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ।
उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून की डिग्री (LLB) हासिल की। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत हिसार जिला न्यायालय से की और बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ में प्रैक्टिस शुरू की।
हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल रहे हैं जस्टिस सूर्यकांत
जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई 2000 को हरियाणा राज्य के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने। इसके बाद मार्च 2001 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित हुए। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
हिमाचल हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक की यात्रा
उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2024 से, वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमिटी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं।
(इनपुट: आईएएनएस)

