सुशासन संवाद : नवाचार, पारदर्शिता और डिजिटल प्रशासन की दिशा में निर्णायक कदम
रायपुर, 13 अक्टूबर। मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव श्री विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, विभागीय सचिव, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नवाचार जनसेवा के केंद्र में हो — मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नवाचार ऐसे हों जो दीर्घकालिक रूप से व्यवहारिक, नागरिकों की सुविधा बढ़ाने वाले, और शासन की फ्लैगशिप योजनाओं को सहयोग देने वाले हों।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नवाचारों का स्वागत करती है, परंतु यह ध्यान रखना आवश्यक है कि बुनियादी प्रशासनिक कार्य प्रभावित न हों।
मुख्यमंत्री ने कहा — “नवाचार तुगलकी प्रयोग न बनें, बल्कि नागरिक जीवन को सरल बनाने का माध्यम बनें।”
स्थायी और व्यावहारिक नवाचारों पर जोर
मुख्यमंत्री श्री साय ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि सभी नवाचारों में जनसहभागिता और फीडबैक तंत्र को शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि कई बार जिले में किए गए नवाचार आने वाले अधिकारियों की प्राथमिकता में नहीं रहते, इसलिए उनकी स्थायित्व और उपयोगिता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नवाचार का उद्देश्य जनता की सेवा और पारदर्शिता में वृद्धि होना चाहिए।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम को सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहल बताया।
उन्होंने कहा कि सभी सेवाएं निर्धारित समय में गुणवत्तापूर्ण ढंग से दी जाएं।
यदि देरी होती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली समीक्षा में यह देखा जाएगा कि कितने मामलों का समय पर निराकरण हुआ और कितने अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
कार्यालयीन अनुशासन और स्वच्छता पर बल
मुख्यमंत्री ने ‘पुराने दस्तावेज हटाओ’ अभियान की सराहना की और कहा कि पुराने अनुपयोगी फाइलें न केवल जगह घेरती हैं बल्कि नागरिकों में गलत छवि भी बनाती हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर अपने कार्यालयों को व्यवस्थित और स्वच्छ रखें ताकि पारदर्शिता और कार्यक्षमता में वृद्धि हो।
ई-ऑफिस प्रणाली का पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम ई-ऑफिस प्रणाली है।
उन्होंने सभी विभागों को निर्धारित समय सीमा में इसे 100 प्रतिशत लागू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मैनुअल प्रक्रिया पर निर्भरता घटाना आवश्यक है और सभी लंबित फाइलों को डिजिटल माध्यम में लाया जाए ताकि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके।
ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल और डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल गवर्नेंस का युग है।
सभी कलेक्टर सुनिश्चित करें कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर अधिकाधिक सेवाएं उपलब्ध हों और जनता ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सके।
उन्होंने निर्देश दिया कि नागरिकों में डिजिटल सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक सेवा को डिजिटल करना ही पारदर्शी शासन की दिशा में सबसे बड़ा कदम है।
शिकायतों के समाधान में पारदर्शी व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनता की शिकायतों का त्वरित और पारदर्शी निराकरण प्रशासन की जिम्मेदारी है।
सभी कलेक्टर शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करें और डिजिटल माध्यम में उनकी स्थिति उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा और भ्रष्टाचार की संभावनाएं समाप्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में मैनुअल गवर्नेंस से भ्रष्टाचार बढ़ा, जबकि डिजिटल प्रणाली जवाबदेही सुनिश्चित करती है।