अब हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने खोजा कोरोना का नया म्यूटेंट N440K जो है पहले से 100 गुना खतरनाक

अब हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने खोजा कोरोना का नया म्यूटेंट N440K जो है पहले से 100 गुना खतरनाक

देशभर में फैले कोरोना वायरस के अलग- अलग म्यूटेंट्स के कारण पहले ही हालात बेकाबू हो चुके हैं। इस बीच कोरोना वायरस के एक और खतरनाक म्यूटेंट के बारे में पता लगाया गया है, जिससे स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है।इसे खोजने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट ‘N440K’ बाकी स्ट्रेन के मुकाबले 10 से 100 गुना अधिक संक्रामक है। साथ ही दावा किया है कि इसी म्यूटेंट के कारण देश के कुछ हिस्सों में कोहराम मचा हुआ है।

‘N440K’ 10 से 100 गुना अधिक खतरनाक है

covid19 N440k

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 26 अप्रैल से 2 मई के बीच कोरोना के 26 लाख नए मामले दर्ज किए गए और 23,800 मरीजों की मौत हो गई। इस बीच वैज्ञानिकों ने इस कहर बरपाने वाले नए जानलेवा म्यूटेंट का पता लगाया है वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी संक्रमण फैला रहे बाकी सभी स्ट्रेन के मुकाबले ‘N440K’ 10 से 100 गुना तक अधिक संक्रामक है, जिसकी वजह से देश के कुछ हिस्सों में सेकेंड वेव कहर बरपा रही है ।

ये ‘N440K’ आंध्र प्रदेश में खोजकर्ताओं को पहली बार मिला है कोरोना के म्यूटेंट ‘N440K’ को पहली बार आंध्र प्रदेश के करनूल शहर में पाया गया था। अब यह म्यूटेंट आंध्र और तेलंगाना सहित देश के कई हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। शोधकर्ताओं का दावा है कि दूसरी लहर के दौरान आंध्र और तेलंगाना में जितने भी नए मामले आए हैं, उसमें से एक तिहाई मामले इसी वेरिएंट के चलते आए हैं और यह लगातार ही फैलता जा रहा है।

सीसीएमबी और एसीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने किया शोघ है पिछले दो महीनों में देश के 50 फीसदी मामले सिर्फ चार राज्यों- कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से आए हैं, जो संकेत देते है कि यह वैरिएंट इन इलाकों में फैल चुका है। यह शोध हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) और गाजियाबाद के एकेडमी फॉर साइंटिफिक एंड इनोवेशन रिसर्चयह शोध हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) और गाजियाबाद के एकेडमी फॉर साइंटिफिक एंड इनोवेशन रिसर्च (एसीएसआईआर) के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है।