युक्तियुक्तकरण का असर: 13 साल बाद महलोई स्कूल को मिला फिजिक्स का लेक्चरर

छात्रों ने कहा: फिजिक्स के कांसेप्ट समझने में होगी आसानी, विषय पर पकड़ होगी मजबूत , लंबे समय बाद मिले इतिहास और हिंदी के अध्यापक, पालकों ने जताई खुशी

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Kishor Manhar
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रायगढ़.तमनार विकासखंड के महलोई हाई स्कूल में नजारा कुछ बदला सा है। यहां अब सभी विषयों की कक्षाएं लग रही हैं। बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते हैं, क्लास अटेंड कर पढ़ाई में मन लगा रहे हैं। उन्हें इस बात की राहत है कि अब यदि फिजिक्स का कोई कॉन्सेप्ट समझना हो तो वह आसानी से समझ में आ जाएगा, क्योंकि यहां फिजिक्स के एक नियमित व्याख्याता की पदस्थापना हो चुकी है। पिछले सत्रों में यह अभाव बना हुआ था, जो अब युक्तियुक्तकरण के बाद दूर कर दिया गया है। महलोई स्कूल को 13 सालों बाद फिजिक्स के साथ इतिहास और हिंदी के अध्यापक मिले हैं।
इस बात को लेकर छात्रों में उत्साह और पालकों में संतोष है। स्कूल में पढ़ाई का माहौल भी बेहतर हो रहा है। कक्षा 11 वीं में विज्ञान संकाय लेकर पढ़ रही दीपिका पटनायक कहती हैं कि फिजिक्स इस संकाय के तीन प्रमुख विषयों में से एक है। इस विषय की ढंग से पढ़ाई न केवल अच्छे वार्षिक परीक्षा परिणाम के लिए आवश्यक है बल्कि आगे प्रतियोगी परीक्षाओं का सबसे महत्वपूर्ण आधार भी होता है। मेडिकल एंट्रेस एग्जाम में बायोलॉजी के अलावा केमिस्ट्री और फिजिक्स दोनों से समान अंकों के सवाल पूछे जाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि ग्यारहवीं कक्षा से सभी विषयों में बराबर ध्यान दिया जाए। अब विषय विशेषज्ञ शिक्षक के आने से उनके अनुभव और मार्गदर्शन का लाभ यहां के छात्रों को मिलेगा। यहां इतिहास और हिंदी के विषय शिक्षकों की भी पदस्थापना हुई है। कक्षा दसवीं की छात्रा नीलम भगत ने बताया कि अब उनके सामाजिक विज्ञान और हिंदी विषय की पढ़ाई भी अच्छे से शुरू हो गई है। पहले इन विषयों के शिक्षकों की अनुपलब्धता से कोर्स पूरा करने में समस्या होती थी। जिसका असर परीक्षा परिणामों में दिखता था। अब स्कूल खुलने से पूर्व ही शिक्षकों की पदस्थापना करने से यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों में राहत है।
पालकों ने कहा लंबे समय बाद मिले शिक्षक, छात्रों को अपने बच्चों की तरह पढ़ाएं
गांव की निवासी संतोषी तिग्गा बताती हैं कि लंबे समय से शिक्षकों की मांग ग्रामवासियों द्वारा की जा रही थी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जो युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया की हैए इसके बाद महलोई हाई स्कूल को तीन शिक्षक मिले हैं। अब कक्षाएं नियमित रूप से लग रही हैं। बच्चों में भी उत्साह है। पालकों में भी अब संतोष है कि सभी विषयों की अच्छे से पढ़ाई होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों से आशा है कि विद्यार्थियों को अपने बच्चों की तरह पढ़ाएंगे।

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