छत्तीसगढ़ सरकार न्याय योजना की बात तो कहती है तो कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय क्यों- हुमेश जायसवाल

हुमेश जायसवाल(छत्तीसगढ़ कोविड-19 कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष)

जांजगीर चाम्पा- कोरोना काल के दौरान जिन कोरोना योद्धाओं(अस्थायी कोविड कर्मचारी ) ने अपनी जान की बाजी लगाकर प्रदेश वासियों की सेवा की आज वो कोरोना योद्धा दर-दर भटकने पर मजबूर हो रहे हैं. आज कोरोना के संक्रमण दर कम होने पर चरणबद्ध तरीके से अब उनकी सेवा समाप्ति की जा रही है और अब अस्थायी कोविड कर्मचारी के सामने रोजगार की एक बड़ी समस्या सामने आ रही है जहां एक और सरकार बेरोजगारी दर घटने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ अस्थायी कोविड कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं.

छत्तीसगढ़ कोविड-19 कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हुमेश जायसवाल ने कहा कि जो सरकार प्रदेश में अलग-अलग न्याय योजना लाकर प्रदेशवासियों को सौगात देने की बात तो कह रही है लेकिन कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय क्यों ??क्या विपदा की घड़ी में साथ देने वालों को दरकिनार कर उन्हें बेरोजगार किया जाना कहां का न्याय है. कोरोना काल के दौरान कई कोरोना योद्धा संक्रमित हुए कई लोगों की जान गई कई लोगो अस्पतालों में भारी भरकम बिल चुकानी भी पड़ी. बावजूद उसके विपदा के घड़ी में कोरोना योद्धाओं ने सरकार और समाज का साथ दिया उन्हें उम्मीद था कि उनके साथ अच्छा होगा. क्योंकि जो सरकार न्याय की बात कहती है वह उनके साथ अन्याय कैसे कर सकती है लेकिन चरणबद्ध तरीके से स्वास्थ्य कर्मियों का सेवा समाप्ति किया जाना सरकार के लिए योजना पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है.

सरकार न्याय योजना के तहत अपनी राजनीति खेल खेल रही है. सरकार के जितने भी न्याय योजना है वो योजना नहीं योजना नहीं बल्कि वोट बैंक योजना है. कि कैसे वोट बैंक को साधा जाए. उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में कोविड-19 कर्मचारियों की सेवा वृद्धि का अब तक कोई आदेश नहीं आया है सेवा वृद्धि के लिए उनके द्वारा कई बार आला अधिकारी जनप्रतिनिधि सरकार के कैबिनेट मंत्री के साथ-साथ राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम भी ज्ञापन सौंपा जा चुका है . बावजूद इसके अब तक सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की पहल नहीं की गई बीते दिनों रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन के लिए भी ज्ञापन दिया गया था लेकिन धरना प्रदर्शन के लिए प्रशासन द्वारा मना कर दिया गया. उन्होंने कहा है कि सरकार जल्द से जल्द कोविड-19 कर्मचारियों के साथ अगर न्याय नहीं करती है तो प्रदेश भर में उग्र आंदोलन होगा जिसके जिम्मेदार शासन और प्रशासन होंगे.